कोटा में वन विभाग रेत ट्रेक्टर पकडने है मुस्तैद,,
डिप्टी रेंजर और स्टाफ अगर इतना दिमाग और समय लकडी तस्करों और जानवरों के शिकार रोकने लगाते तो बेहतर होता
बिलासपुर- वन विकास निगम के , डिप्टी रेंजर, कर्मचारी, इन दिनों भारी मुस्तैदी के साथ अपना पूरा दिमाग और समय रेत और रेत भरे ट्रेक्टर पकड़ने पर लगा रहे है
वन विकास निगम के कर्मचारी डबरीपारा पोंडी बिल्लीबंद में रेत से भरी ट्रेक्टर पकड़नें में मस्त है वन विभाग का अमला इसी में ही मुस्तैदी दिखा रहा है जबिक लोगों का कहना है कि जंगलो की रछा और लकडी तस्करों को पकडनें में मुस्तैदी दिखाना चाहिए और जंगली जानवरों की सुरछा पर विशेष ध्यान देना चाहिए लेकिन इन सब से हटकर विभाग अपना पूरा ध्यान रेत पकडनें में लगा रहा है l कुछ दिनों पूर्व रतनपुर में आदिवासी समाज के लोगों नें इनके खिलाफ मारपीट का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज करानें थानें पहुंचे थे और मुख्यमंत्री से शिकायत की बात कही थी
डंप रेत को ले जा रहे ट्रेक्टर को भी पकडकर वन विकास निगम के लोग विवाद करने पर उतारू हो जाते है दो दिन पूर्व बिल्लीबंद के पास कुछ ट्रेक्टर वालों से काफी बहस और विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई थी उसके बाद ट्रेक्टरों को पकड़कर आफिस ले गये थे l जबकि ट्रेक्टर को नदी से रेत निकालते हुए मौके पर वन विभाग के कर्मचारीयों नें नही पकडा था रास्ते में ट्रेक्टर रोककर बहस बाजी करते हुए दिखे जिसके विडियों हमारे पास उपल्बध है l
सुत्रो से जानकारी प्राप्त हुई है कि ट्रेक्टर पकडने के बाद मंडवाली का भी खेल जबरजस्त चलता है…..
सवाल ये उठ रहा है कि पंद्रह दिन से अधिक समय हो गय लेकिन वन विभाग कोटा के एक मकान में अवैध लकडी का जखीरा पकडा था लेकिन तस्करों को पकडनें में अभी तक नाकामयाब रहा lजबिक अवैध लकडी का जखीरा फारेस्ट छेत्र से ही आया होगा विभाग ये बताएं कौन से बीट क्रमांक से आया किसके रेंज से आया है क्या कार्यवाही की गई पूछती है जनता…
सवाल ये भी है कि अगर रेत को निकालने पर कार्यवाही के लिए विभाग मुस्तैदी दिखा रहा तो रायल्टी पर्ची की व्यवस्था शासन को कर देनी चाहिए ताकि किसी प्रकार से रेत के अवैध उत्खनन की बात नही उठेगी l जिससे परिवहन कर्ता को किसी प्रकार की समस्या नही होगी l