इस पर्व पर बच्चों में रहा खासा उत्साह
kuldeep sharma@कोटा – भारतीय संस्कृति और परम्परा का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है हमारे विशेष त्यौहारों में रक्षाबंधन पर्व के दुसरे दिन भोजली अनादिकाल से चली आ रही परंपरा व संस्कृति का अभिन्न अंग है. यह मूलत: अन्ना माता व प्रकृति की सेवा है. अंकुरित बीज के पल्लवित रूप की भोजली माता के रूप में सेवा की जाती है.
कोटा के कोटसागर तलाब जहां कोटेश्वर महादेव के धाम में प्रतिवर्ष भोजली पूजन विसर्जन का कार्यक्रम बडे ही धूमधाम से मनाया जाता है यहां भोजली पर मेले जैसा माहौल रहता है इस वर्ष भी बच्चों में खासा उत्साह देखने मिला सभी लोगों नें मिलजुलकर इस पर्व को मनाया एक दुसरे को भोजली देकर बधाई दी l
इस अवसर पर कोटेश्वर धाम के वासियों के के द्वारा प्रसाद के रूप में खिचड़ी का वितरण भी किया गया l