जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के बीच कोटा डीकेपी स्कूल में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
जनप्रतिनिधि ने कहा अधिकारियों द्वारा अपमान एवं अनदेखी की यह नई घटना नहीं
@संदीप मिश्रा
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कोटा- 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कोटा विकासखंड स्तर पर शासकीय डीकेपी उच्चतर माध्यमिक शाला में सामूहिक योग का आयोजन किया गया. जिसमें योग साधकों द्वारा विभिन्न योग शैलियों का अभ्यास कराया गया साथ ही साथ योग साधकों द्वारा विभिन्न प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक बीमारियों का योग से उपचार भी बताया गया. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का कार्यक्रम कोटा डीकेपी स्कूल में बड़े पैमाने पर आयोजन किया गया था l
आयोजन में मुख्य रूप से अनुभागीय अधिकारी(SDM Kota) , तहसीलदार, जनपद सीईओ, मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं तमाम कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे. लेकिन अधिकारी एवं कर्मचारियों की उपस्थिति के बीच जनप्रतिनिधि का कोई स्थान नहीं था. कार्यक्रम को देखकर लग रहा था कि यह योग कार्यक्रम प्रशासन को स्वस्थ रखने के लिए आयोजन किया जा रहा है कार्यक्रम की शुरुआत से ही एकमात्र जनप्रतिनिधि के रूप में नगर पंचायत कोटा के वार्ड नंबर 9 के पार्षद लखनलाल साहू उपस्थित थे l
जिन्हें उचित सह सम्मान जनप्रतिनिधि के रूप में स्थान मिलना चाहिए था लेकिन कार्यक्रम की शुरुआत से लेकर कार्यक्रम समाप्ति के घोषणा तक कहीं भी अधिकारियों ने जनप्रतिनिधि को मंच पर बुलाना उचित नहीं समझा. ना ही जनप्रतिनिधि को प्रथम पंक्ति में योग करने हेतु आमंत्रित किया गया. जिस कार्यक्रम का संचालन प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री जैसे जनप्रतिनिधियों का पोस्टर लगाकर किया जा रहा हो वहां नगर के जनप्रतिनिधियों का ना होना या उन्हें सा सम्मान आमंत्रित ना करना कार्यक्रम में उपस्थित के बाद भी. यह बात समझ के बाहर है l
पार्षद लखन साहू ने बताया कि अधिकारियों द्वारा समय-समय पर जनप्रतिनिधि की अनदेखी वह अपमान करना कोई नई बात नहीं है lआज के कार्यक्रम में किसी भी जनप्रतिनिधी को नहीं बुलाया गया लगा जैसे ये कार्यक्रम सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए आयोजित किया गया हो ।
योग का शासकीय कार्यक्रम हुआ जिसमें जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करना था लेकिन अधिकारी नही किये और उपस्थित एक जनप्रतिनिधि को सम्मान देना था नही दिये जो कि गलत है – वेंकट अग्रवाल संयोजक सांसकृतिक प्रकोष्ठ
कोटा एसडीएम युगल किशोर उर्वशा का इस पूरे मामले में कहना था – कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को सूचित करने के लिए सीएमओ और सीईओ को निर्देशित किया गया था इनके द्वारा सूचित भी किया गया है ।