सार्वजनिक श्रीमद् भागवत कथा में कोटा ब्लाक अध्यक्ष आदित्य दिक्षित नें लिया आशिर्वाद
kuldeep sharma कोटा – नगर में बडे़ ही श्रद्धा भक्ति भाव से श्रद्धालु कथा का श्रवण कर रहे है कोटा रेस्ट हाउस रोड डाकबंगला में सार्वजनिक श्रीं मद भागवत पुराण कथा ज्ञान सत्संग का भव्य आयोजन चल रहा है जिसमें मंगलवार को सातवें दिन की श्रीमद्भागवत कथा में सुदामा चरित्र , श्री कृष्ण सुदामा चारित्र श्री कृष्ण श्वाधाम गमन, परिक्षित मोक्ष , भगवत चडोतरी पर कथा वाचक स्वामी नारायण प्रपन्नाचार्य महाराज प्रयागराज ने बताया कि गुरु कृपा साधक की तीसरी आंख खोलकर उसे आध्यात्मिकता के मार्ग पर ले जाता है।
सुदामा चरित्र की व्याख्या करते हुऐ उन्होंने कहा कि सुदामा संसार में सबसे अनोखे भक्त रहे हैं। वह जीवन में जितने गरीब नजर आए, उतने वे मन से धनवान थे। उन्होंने अपने सुख व दुखों को भगवान की इच्छा पर सौंप दिया था। श्रीकृष्ण और सुदामा के मिलन का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। उन्होंने कहा कि जब सुदामा भगवान श्रीकृष्ण ने मिलने आए तो उन्होंने सुदामा के फटे कपड़े नहीं देखे, बल्कि मित्र की भावनाओं को देखा। मनुष्य को अपना कर्म नहीं भूलना चाहिए।
अगर सच्चा मित्र है तो श्रीकृष्ण और सुदामा की तरह होना चाहिए। जीवन में मनुष्य को श्रीकृष्ण की तरह अपनी मित्रता निभानी चाहिए दुनिया में किसी प्राणी को पता नहीं होता कि उसकी मृत्यु कब होगी, लेकिन राजा परीक्षित को श्राप मिला था ,कि ठीक सातवें दिन सर्प के डसने से उसकी मौत होगी। अपनी मौत की तारीख निश्चित जानकर राजा परीक्षित ने शुकदेव महाराज से श्रीमद्भागवत कथा सुनी। कथा समाप्त होने के सातवें दिन तक्षक नाग ने फूलों की माला के रूप में महल के भीतर प्रवेश किया और राजा के गले में पहनाते ही अपने असली रूप में आकर राजा को डस लिया। कथा सुनने के प्रभाव से राजा परीक्षित को मोक्षधाम की प्राप्ति हुई। भागवत को मोहल्ले तथा नगर के लोगों ने श्रवण कर लोगों ने सहयोग कर भागवत को सफल बनाया l
इस अवसर पर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आदित्य दीक्षित ,हरीश तुलस्यान , दिलीप श्रीवास, प्रदीप गुप्ता ने कथा का श्रवण कर स्वामी जी से आशीर्वाद लिया l
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