अचानकमार टाईगर रिजर्व क्षेत्र में करंट की चपेट में आया युवा नर हाथी हो गई दर्दनाक मौत
बिलासपुर – प्रदेश में हाथीयों की मौत का सिलसिला थम नही रहा कि फिर एक हाथी की दर्दनाक मौत की खबर सामने आई है l
बीते दिनों वयस्क होता एक युवा नर हाथी की मौत हो गई और वो भी जंगली जानवरों के लिए बिछाय गये करेंट के तार से…जो काफी दुखद है यह हृदयविदारक घटना है l
अचानकमार टाईगर रिजर्व के जंगलों में जानवरों की सुरक्षा भगवान भरोषे ही चल रही है क्योंकि इससे पहले भी शिकारीयों के चंगुल में बेजुबां फंसते रहते मौते होती रही है विभाग और अधिकारी गहरी नींद में सोते रहा l
सरकार करोडों का फंड यहां जावरों की सुरक्षा इंतजाम और विकास के लिए उपलब्ध कराती है लेकिन ऐसी घटनाओं के होनें से सुरक्षा की पोल खुल जाती है और अधिकारी दो शब्द बोलकर पल्ला झाड़ लेते है l
अगर आचानकमार टाईगर रिजर्व में देखा जाए तो हर साल करोडों का फंड राज्य सरकार से और कैम्पा मद से मिलता है अगर उस मद के उपयोग की सही जांच हो जाए तो यहां की स्थिति सामने आ जाएगी और भ्रष्टाचार की पोल खुल जाएगी l
कल ही एटीआर का जंगल पर्यटकों के लिए खोला गया है और कल ही ये जानकारी सामने आई कि एटीआर से लगे एरिया में एक नर शावक की मौत करंट लगने से हो गई । प्राप्त जानकारी के अनुसार अचानकमार टाइगर रिजर्व के बार्डर पर स्थित टिंगीपुर गांव में एक युवा नर शावक हाथी मृत मिला है। अंदरूनी जानकारी के अनुसार हाथी की मौत करंट लगने से हुई बताया जा रहा है लेकिन मौत की अधिकारिक पुष्टि पोस्टमार्टम के बाद ही होगी ।
इस मौत के बाद भले ही कई कारण ओैर सामने आएं लेकिन इतना तय है कि जब तक वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस उपाय नहीं अपनाए जाएंगे ऐसी घटनाएं सामने आते रहेेंगी । वन विभाग के साथ ही एटीआर प्रबंधन को भी जंगल से लगे गांव के लोगों में जागरूकता के लिए कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए । गांव वालों को बताया जाना चाहिए कि यदि उनकी फसल का नुकसान वन्य जीवों से होगा तो उसका मुआवजा दिया जाएगा कम से कम आप उन्हें ना मारें । इसके साथ ही वन विभाग और एटीआर प्रबंधन अपनी सुरक्षा गश्त को भी ऐसे ईलाके में और चुस्त करे और अपने मुखबीर भी एक्टिव करे जिससे हादसे के पहले ही जानकारी विभाग को हो जाए ।