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नायब तहसीलदार नें सरकंडा टीआई एवं सिपाहीयों के द्वारा दुर्व्यवहार एवं झूठे केस में फंसा देने की लिखित शिकायत की

भाई के साथ मारपीट का भी किया जिक्र –

पीडितों में है पुलिस का खौफ

बिलासपुर – रेल्वे स्टेशन से घर जाते वक्त पिता और दो बेटे पुलिस की बदसलूकी और प्रताड़ना के शिकार हो गये और बाद में एक के उपर एफआईआर भी दर्ज हो गई जिससे पिडित पक्ष काफी डरा और सहमा हुआ है l नायाब तहसीलदार ने सरकंडा पुलिस पर प्रतांडना के आरोप लगाए हैं और उच्च अधिकारियों से इस बारे में लिखित में शिकायत की है । जबकि सरकंडा पुलिस ने उक्त मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है एफआईआर में तहसीलदार का नाम कहीं भी नहीं है ।

मिली जानकारी के अनुसार ये पूरा मामला शनिवार की रात लगभग 1 से 2 बजे का है जब बस्तर के करपावंड में नायाब तहसीलदार के पद पर पदस्थ बिलासपुर के पुष्पराज मिश्रा शनिवार की रात को ट्रेन से बिलासपुर पहुंचे स्टेशन से वे अपने घर अशोक नगर जाने के लिए बाईक से निकले तो डीएलएस कॉलेज के पास डयुटी पर तैनात दो पुलिस वालों ने उन्हें रोका जब पुष्पराज मिश्रा ने ये बताया कि वे नायाब तहसीलदार हैं और बस्तर में पदस्थ हैं और अभी स्टेशन से घर जा रहे हैं । लेकिन पुलिस ने उनकी बात को अनसुना करते हुए पेट्रोलिंग वाहन को बुला लिया और उन्हें थाने ले आई तथा कई घंटे थाने में बिठा के रखा और उनके भाई के साथ मारपीट की l
पीड़ित नायाब तहसीलदार ने इस पुरे मामले में उच्च अधिकारियों को लिखित शिकायत करते हुए कहा है कि वे 16 तारीख की रात रायपुर से हावड़ा सुपर फास्ट टेªन से बिलासपुर पहुंचे और अपने भाई और पिताजी के साथ स्टेशन से अपने घर जा रहे थे डीएलएस कॉलेज के पास दो आरक्षकों ने उन्हें रोका दोनो शराब के नशे में लगे रहे थे दोनों ने हमसे गाली गलौज शुरू कर दी मैने उन्हें बताया कि मैं बस्तर में नायाब तहसीलदार हूं जरा सभ्यता से बात करें लेकिन उन्होेंने पट्रोलिंग गाड़ी बुला ली और मुझे थाने ले आए । थाने में जबरदस्ती मेरे मुंह में एल्कोहल टेस्ट की मशीन डालकर चेक किया गया जिसमें कुछ भी नहीं निकला बाद में मुझे सिम्स मुलाहिजा के लिए ले जाया गया लेकिन मुझे बाहर ही खड़ा कर दिया गया और दोनों आरक्षक अंदर चले गए । इस बीच मेरे भाई और पिताजी भी थाने आ गए जहां मेरे भाई से पुलिस वालों ने थाने में गाली गलौज की और जान से मारने तथा झुठे केस में फंसाने की धमकी दी । पुलिस वालों ने मेरे भाई के मोबाईल से सरकारी दस्तावेज और वीडियो फोटो भी डिलिट कर दिए गए । रात को लगभग साढे चार बजे हमारा मोबाईल वापस करते हुए हमें घर जाने के लिए कहा । सरकंडा पुलिस के इस व्यवहार से हमारा परिवार काफी डरा हुआ है तथा हम काफी दुखी और आहत हैं ।

वहीं इस घटना से अब कई सवाल भी उठ रहे है अगर एक अधिकारी इस तरह से प्रताडित हो रहा है तो फिर एक आम इंसान का क्या होगा कैसे वह अपने आप को निर्दोष साबित कर पाएगा l

फिलहाल इस घटना की निष्पक्ष जांच के आदेश पुलिस कप्तान नें दे दिए है l

SURAJ GUPTA

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