जिसकी जांच में पहुंचे थे अधिकारी और बंद कमरे में हुई बैठक
kuldeep Sharma कोटा – इस क्षेत्र में अब पर्यावरणीय खतरा मंडराने लगा है क्योकि यह क्षेत्र कोल माफियाओं की गिरफ्त में आ गया है आने वाले समय में यहां काले बादल मंडरानें लगेंगे l इस क्षेत्र के ग्रामीण जो खुरदुर ,खरगहनी ,पथर्रा जैसे गांव की सीमाओं में खुल रहे महावीर कोल वॉशरी पर गांव वालों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कलेक्टर से शिकायत की थी कि महावीर कोल वाशरी के द्वारा फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र पेश करके कई विभागों से क्लियरेंस ले लिया गया है जो कि अवैधानिक है । साथ ही महावीर कोल वाशरी के द्वारा शासकीय भूमि पर भी अतिक्रमण किया जा रहा है यहां तक कि ग्राम पंचायत में पेशा एक्ट लागू है उसके बाद भी आदिवासीयों की जमीन सामान्य के नाम पर रजिस्ट्री हो गई है ।
राजेन्द्र सिंह ने गांव की लगभग 52 एकड़ जमीन खरीदी और उसमें से 47 एकड़ भूमि एकमुश्त महावीर कोल वाशरी के अरूण जैन के नाम पर रजिस्ट्री कर दी । महावीर कोल वाशरी ने ग्राम पंचायत के झुुठे अनापत्ति प्रमाण पत्र को विभिन्न विभागों में प्रस्तुत किया जो कि अपराध है । जबकि ग्राम पंचायत ने अपने विशेष ग्राम सभा में महावीर कोल वाशरी के अनापत्ति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया था ।
गांव वालों के इस आवेदन पर कल देर शाम कोटा एसडीएम , एसडीओपी और थाना प्रभारी ग्राम खरगहनी पहुंचे थे जहां उन्होंने गांव वालों से बंद कमरे में मुलाकात की और पूरे प्रकरण के बारे में जानकारी ली ।
गांव वालों के साथ बैठक के बाद कोटा एसडीएम यू के उर्वशा ने कहा – गांव वालों की शिकायत के बाद जिला स्तर पर जांच टीम बनाई गई है । बारिश के कारण सीमांकन का काम नहीं हो पाया था लेकिन अब एक हफते में सीमांकन करवा लिया जाएगा कि जमीनें किस मद की है । अवैध मुरूम डम्प करने और निर्माण कार्य की भी जांच करवाई जाएगी ।
जबकि गांव वालों का कहना था कि बैठक में किसी भी प्रकार का कोई हल नहीं निकला है शिकायत महावीर कोल वाशरी के द्वारा किए जा रहे अवैध अतिक्रमण और निर्माण पर था लेकिन बैठक में गांव वालों की जमीनों पर बात निकल गई ।
गांव वालों के आंदोलन में शुरू से ही साथ रहे दिलीप अग्रवाल का कहना था कि – आज की बैठक में गांव वालों ने मुझे भी बुलाया था लेकिन बैठक के पहले मुझे बाहर जाने के लिए कहा गया अब ये क्यों हुआ मुझे नहीं पता ।